अभिनेत्री कंगना रनौत ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की जिसमें उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही को चुनौती दी गई थी। कार्यवाही महिंदर कौर द्वारा बठिंडा में मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष दायर शिकायत पर आधारित है। यह शिकायत किसान के विरोध प्रदर्शन के दौरान किए गए एक ट्वीट से जुड़ी है जिसमें कौर ने आरोप लगाया था कि यह मानहानि है। कंगना ने अब अपने वकील अभिनव सूद के माध्यम से शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है। यह मामला शुक्रवार को न्यायमूर्ति मीनाक्षी प्रथम मेहता के समक्ष आया। उसे पहले फरवरी में मजिस्ट्रेट कोर्ट बठिंडा ने तलब किया था।
किसान विरोध के दौरान कंगना के ट्वीट के संबंध में कौर द्वारा शुरू की गई मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने के लिए अभिनेत्री ने उच्च न्यायालय का रुख किया। विचाराधीन ट्वीट में रनौत ने महिंदर कौर को ‘शाहीन बाग दादी’ उर्फ बिलकिस बानो के रूप में गलत तरीके से पहचाना था जो बुजुर्ग महिला थी तथा जो सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुर्खियों में आई थी। उसने आरोप लगाया था कि ऐसे प्रदर्शनकारियों को विरोध के लिए काम पर रखा जा सकता है।
कौर ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कंगना के खिलाफ मानहानि के लिए आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी। कौर ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ ‘झूठे आरोप और टिप्पणी’ की गई थी। “झूठे और निंदनीय” ट्वीट के कारण शिकायतकर्ता अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों, सह-ग्रामीणों और आम जनता की नज़र में गंभीर मानसिक तनाव, पीड़ा, उत्पीड़न, अपमान, प्रतिष्ठा की हानि और मानहानि से पीड़ित थी।