बीते एक जुलाई को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘राकेट्री: द नम्बी इफ़ेक्ट’ अभी तक कोई भी कमाल नहीं दिखा पाई है। फिल्म बहुत ही धीमी रफ़्तार से आगे बढ़ रही है। हालाँकि फिल्म की कमाई में शुक्रवार की अपेक्षा शनिवार को कुछ बढ़ोतरी दिखाई दी लेकिन फिर भी कमाई कुछ खास नहीं रहा। फिल्म दर्शको को सिनेमाघरों तक आकर्षित करने में कामयाब नहीं हो पाई है। सत्य घटनाओ पर आधारित होने के वावजूद भी दर्शकगण इस वैज्ञानिकी फिल्म को देखने भारी संख्या में नहीं जुट पा रहे है।
यह फिल्म भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व वैज्ञानिक और अंतरिक्ष अभिंयता नंबी नारायणन के जीवन पर आधारित है। नम्बी नारायण पर जासूसी का झूठा आरोप लगाया गया था जिसको बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने गलत करार दिया था। इस फिल्म में माधवन ने मुख्य भूमिका निभाई है। माधवन ही फिल्म के अभिनेता है। उन्होंने ही इसे निर्मित किया है साथ में वे ही इसका निर्देशक भी है। एक ईमानदार वैज्ञानिक पर बनी इस फिल्म में उनके काम और उन पर लगाए गए झूठे जासूसी के आरोपों को दिखाया गया है। साथ ही फिल्म की कहानी में प्रिंसटन विश्वविद्यालय में उनके स्नातक छात्र जीवन को भी प्रदर्शित किया गया है।
फिल्म का छायांकन और संपादन क्रमशः सिरशा रे और बिजित बाला द्वारा किया गया है। फिल्म अंग्रेजी, हिंदी और तमिल में एक साथ रिलीज़ हुई है। इस जीवन वृतांत वाली फिल्म को बनाने में अभिनेता माधवन को कड़ी तपस्या करनी पड़ी। फिल्म में उन्होंने नम्बी नारायण के जीवन को बड़ी ही सरलता से उतारा है। माधवन ने अपने इस फिल्म में नम्बी के उम्र के हरेक पराव का प्रदर्शन किया है। आज रविवार होने के कारण फिल्म की अच्छी कमाई करने की उम्मीद है। अब तो यह आने वाला कल ही बता पाएगा कि माधवन की ये फिल्म सिनेमाघरों में कितना दिन ठहर पायेगी और कितना तेजी से कितना कमाई कर पाएगी। फिल्म की कमाई तो पूर्णतः दर्शको के मूड पर निर्भर करता है।